अचानक मौत का विचलित करने वाला VIDEO; स्कूल में तीसरी क्लास की बच्ची को आया हार्ट अटैक, 8 साल की उम्र में जिंदगी खत्म
Ahmedabad Third Class Girl Student Heart Attack in School Live Viral Video
Girl Student Heart Attack: देश के अंदर पिछले कुछ महीनों से जिस तरह लोग (खासकर नौजवान) अचानक से मौत के मुंह में समा रहे हैं। वो स्थिति बेहद चिंताजनक और दर्दनाक-खौफनाक है। अब तो डर सा लगने लगा है। पता नहीं कि, किस पल में कौन कब और कहां मर जाए। दरअसल, अचानक मौत की एक और घटना सामने आई है। यह घटना गुजरात के अहमदाबाद की है और विचलित कर रही है।
दरअसल, अहमदाबाद के एक स्कूल में एक बच्ची की अचानक मौत हो गई। यह बच्ची रोज की तरह सुबह स्कूल पहुंची थी। जब स्कूल में आने के बाद वह अपने क्लास रूम में जाने लगी तो इसी बीच गैलरी में चलते हुए उसे एकदम से बेचैनी हुई और उसके कदम आगे बढ़ने से थमने लगे। जिसके बाद वह एक कुर्सी पर बैठ गई। उसे तेज घबराहट हो रही थी और उसका शरीर स्थिल होता जा रहा था।
आखिरकार कुछ ही पलों में वह कुर्सी पर बैठे-बैठे नीचे जमीन पर खिसक गई। हालत यह थी कि उसका आधा शरीर कुर्सी पर टीका था और आधा जमीन पर पैरों पर। वह फड़फड़ा रही थी। इसके बाद बच्चे स्कूल स्टाफ द्वारा आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। आखिर में बच्ची की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, यह बच्ची करीब 8 साल की बताई जा रही है और वह तीसरी क्लास में पढ़ रही थी। यह पूरी घटना स्कूल के एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। बच्ची के घर में मातम पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि, स्कूल में बच्ची का अचानक हार्ट फेल हुआ यानि उसे हार्ट अटैक आया और जिसके बाद जमीन पर गिरकर उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया था।
सीसीटीवी वीडियो में क्या दिखता है?
सामने आए सीसीटीवी वीडियो में दिखता है कि, बच्ची ने पीठ पर बैग टांग रखा और वह धीरे-धीरे क्लास रूम में जाने के लिए गैलरी से गुजर रही है, गैलरी में उसके चलने से ही उसकी बेचैनी साफ दिखती है। गिरने से पहले वह रुकती है। मानो ऐसा लगता है कि जैसे उसके कदम ही आगे न बढ़ रहे हों। इसके बाद वह जैसे-तैसे कर पास में रखी एक कुर्सी का सहारा लेती है और उस पर बैठ जाती है। बैठने पर बेचैन होती है और फिर जमीन पर गिर जाती है। वहीं शुरुआती चंद सेकेंड तक किसी का ध्यान बच्ची पर नहीं जाता है।
CPR देने के बावजूद नहीं बच सकी जान
वीडियो में आगे दिखता है कि, आसपास खड़े स्टाफ़ की फिर नज़र जैसे ही बच्ची को फटाफट संभालने की कोशिश की जाती है। स्कूल की तरफ बताया गया कि, बच्ची जब सुबह स्कूल पहुंची तो वह फ़र्स्ट फ्लोर पर स्थित अपनी क्लास में जा रही थी। लेकिन इस बीच वह अचानक असहज होने लगी। इसके बाद जब बेसुध हुई तो उसे खुली हवा में लिटाया गया और तुरंत सीपीआर दिया गया। वहीं उसे जब अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
विचलित करने वाला वीडियो
अचानक मौत का यह पहला मामला नहीं
ध्यान रहे कि, इन दिनों अचानक मौत के मामले एकदम से बढ़ गए हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि, लोगों की हंसते-खेलते मौत हो जा रही है। देखा जा रहा है कि, वे बिलकुल ठीक हैं और उन्हें अचानक हार्ट अटैक आ गया और चंद मिनटों में उनकी मौत हो गई। ऐसे मामलों के जो वीडियोज सामने आए हैं।
देखा गया है कि, कोई चल रहा है, नाच रहा है और उसे हार्ट अटैक आ गया, कोई बैठा है या अखबार पढ़ रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई जिम कर रहा है या केमिस्ट पर दवाई लेने पहुंचा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। कोई खाना खा रहा है, उसे हार्ट अटैक आ गया। जिन्हें हार्ट अटैक आया। उनमें ज़्यादातर नौजवान शामिल हैं। आखिर ये क्या हो रहा है?
बहराल, ऐसी मौतों को लेकर चर्चा होनी चाहिए और बचाव के उपाय बताए जाने चाहिए। सरकार को इस ओर मुख्यता ध्यान देना चाहिए। ऐसी मौतों पर मेडिकल साइंस को अब रिसर्च कर कोई इलाज का रास्ता निकालना चाहिए। क्योंकि दिनों-दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है और मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
लोग बोल रहे- कोरोना वैक्सीन लगने से ऐसा हो रहा
अचानक मौतों के पीछे लोगों की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आ रहीं हैं। एक तरफ जहां लोग सरकार से इस तरफ ध्यान को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोग इन मौतों के पीछे कोरोना वैक्सीन को कारण मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि, कोरोना वैक्सीन लगने से इस प्रकार मौतें हो रहीं हैं। लोगों की यह चिंता तब और बढ़ गई है जब पिछले दिनों कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ था।
ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की कोर्ट में पहली बार वैक्सीन की खामी कबूल की थी। कोर्ट में दाखिल अपने दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि, वैक्सीन से थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे खतरनाक गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clots) लगते हैं। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगती हैं। जिससे ब्रेन स्ट्रोक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
हालांकि, एस्ट्राजेनेका का यह भी कहना था कि बेहद दुर्लभ मामलों में ही ऐसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। सभी लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। बता दें कि, भारत में 80% लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई गई है। भारत में उत्पादन के बाद भारत समेत दुनियाभर के और लोगों को भी कोविशील्ड वैक्सीन सप्लाई की गई।
बता दें कि, कोरोना महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन के फॉर्मूले को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर तैयार किया था। वहीं बाद में भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था. इसी वैक्सीन को भारत में हम कोविशील्ड के नाम से जानते हैं। एस्ट्राजेनेका की यह वैक्सीन दुनिया में कोविशील्ड के साथ-साथ वैक्सजेवरिया नाम से भी जानी गई।
हार्ट अटैक आने पर कैसे दें CPR?
ये स्थिति हम में से किसी के साथ भी घटित हो सकती है। इसलिए अगर आपके सामने ऐसी कोई भी स्थिति आती है तो सबसे पहले मरीज़ को फ़र्श पर लिटा कर उसकी पल्स और धड़कन देखने की कोशिश करें। किसी एक व्यक्ति को फ़ौरन एंबुलेंस को कॉल करने को कहें। अगर नज़दीकी अस्पताल का नंबर है तो उसपर कॉल करें। अगर पल्स नहीं मिल रही तो तुरंत CPR शुरू करें। मरीज़ के आसपास भीड़ ना लगाएँ और CPR तब तक देते रहें जब तक मदद ना आ जाये या मरीज़ की पल्स ना मिलने लगे।
अगर आपको CPR देने की विधि मालूम नहीं है तो आप यहां जान लीजिये। CPR देने की क्रिया में आप मरीज के कन्धों के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपनी एक हाथ की हथेली को मरीज की छाती के बीच में रखें. दूसरे हाथ की हथेली को पहले हाथ की हथेली के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और कन्धों को मरीज के छाती के ऊपर सीधाई में रखें।
वहीं अपने ऊपर के शरीर के वजन का इस्तेमाल करते हुए मरीज की छाती को कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) और ज़्यादा से ज़्यादा 2.5 इंच (6 सेंटीमीटर) तक दबाएं और छोड़ें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। अगर आपको फिर भी सीपीआर देना नहीं आ रहा है, तो व्यक्ति के हिलने डुलने तक या मदद आने तक उसकी छाती दबाते रहें। शायद आपका कोई दवाब उसकी साँसों को दोबारा लाने में सफल हो जाये। उसका हार्ट काम करने लग जाये।
जिम जाते हैं तो इन बातों को रखें ध्यान
आजकल जिम का क्रेज बहुत ज्यादा बढ़ गया है। फिटनेस से ज्यादा लोग बॉडी बनाने के पीछे पागलों की तरह भाग रहे हैं। जिम में हो रहीं मौतों को देखते हुए हमारे लिए यही सीख है कि जिम करने के पहले ये ज़रूर देखना चाहिए कि हमारी क्षमता कितनी है। दूसरों को देखकर जिम नहीं करना चाहिए।
दरअसल, ज्यादा एक्सरसाइज़ से शरीर पर दवाब बढ़ता है और ऐसे में हमारी सांसें खिंचने लगती हैं। जिसके चलते ये सीधे दिल पर प्रभाव डालती हैं और इस वजह से दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही जिम एक्सरसाइज़ करने वाले प्रोटीन भी सोच समझ के ही लें।